judge kaise bane

आज का यह लेख बहुत ही इंटरेस्टिंग होने वाला है, क्योंकि इस लेख में भारत में जज कैसे बनते हैं? इससे संबंधित कंपलीट एंड जेन्यूइन इंफॉर्मेशन आपके साथ शेयर करने वाले हैं। जज कैसे बनते हैं? इससे संबंधित जो भी प्रश्न आप आपके मन में है, उन सभी के answer, इस लेख के माध्यम से देने का प्रयास किया गया है । भारत मे जज कैसे बन सकते हैं इस विषय पर आपकी समझ को विकसित करेगा ।

इस लेख में हम जिन पॉइंट पर बात करने वाले हैं, वे निम्नलिखित हैं –

जज कौन होता है ?

जज क्या काम करता है ?

भारत में कितने के type जज होते हैं?

भारत में जज कैसे बन सकते हैं?

जज बनने के लिए क्वालीफिकेशन क्या होती है?

जज बनने के लिए कौन सा एग्जाम देना होता है?

और last me जागेंगे, जज को सैलरी कितनी मिलती है?

जज कौन होता है ? (Who is the Judge): 

जज किसी कोर्ट का पीठासीन अधिकारी अर्थात presiding ऑफीसर होता है। यदि सामान्य शब्दों में कहें तो-  वह व्यक्ति जज होता है, जिसे legal proceeding में final judgement देने के लिए, विधि के द्वारा सशक्त किया गया हो। जज की यह पोस्ट, भारत में कांस्टीट्यूशनल पोस्ट(संवैधानिक पद) होती है, जिसके संबंध में आर्टिकल 124, 217, 233 & 234 में प्रावधान किए गए हैं।

कॉन्स्टिट्यूशनल पोस्ट अर्थात संवैधानिक पद का अर्थ है कि,  यह पद, स्वयं संविधान के द्वारा ही सृजित किया गया हैं।

जज क्या काम करता है? (What does a judge do?)

जब हमने इस बात को जान लिया है कि, जज कौन होता है, तो अब यह भी देख लेते हैं कि उसका काम क्या होता है अर्थात जज क्या काम करता है।

वैसे तो जज कौन होता है इसे जानने के बाद ही आपको तोड़ा बहुत अंदाज़ा लग गया होगा कि जज का काम क्या होता है  फिर भी एक बार अच्छे से इसे जान लेते हैं –

किसी मामले की जांच विचारण करता है और साक्षियों को समन करता है एवं उनकी परीक्षा करता है और अपना फाइनल जजमेंट देता है।

सामान्य भाषा में कहें तो, दो लोगों के बीच होने वाले विवादों को कानून के भीतर रहकर सुलझाना अर्थात जस्टिस करना ही जज का काम होता है।

यानि जज विधि पूर्ण ढंग से विवादों का निपटारा करता है।

इसलिए दिन प्रतिदिन बढ़ते  मामलों को देखते हुए कई राज्यों में पिछले कई वर्षों से जज के कई पदों पर भर्ती की जा रही है।

अब जान लेते है भारत में कितने प्रकार के जज होते है।

भारत में कितने प्रकार के जज होते है। (Types of judges in India)

भारत में जुडिशरी एक प्रथक और स्वतंत्र संस्था है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट देश सबसे बड़ा कोर्ट होता है, इसमें कार्य करने वाले जो जजेस होते हैं, उन्हें सुप्रीम कोर्ट के जज कहा जाता है, इन्हें जस्टिस अर्थात न्यायमूर्ति कह कर संबोधित किया जाता है। अभी वर्तमान मे सुप्रीम कोर्ट के जजों की संख्या मुख्य न्यायमूर्ति सहित 34 है।

इसके बाद प्रत्येक राज्य में हाई कोर्ट अर्थात उच्च न्यायालय होते हैं, जो राज्य की सबसे बड़ी कोर्ट होती है। इनके जो जज होते हैं,उन्हें हाई कोर्ट के जज कहते हैं और इन्हें भी जस्टिस अर्थात न्यायमूर्ति कह कर संबोधित किया जाता है। वर्तमान में 25 हाई कोर्ट है, जिनमें जजेस की संख्या अलग-अलग है।

इसके बाद डिस्ट्रिक्ट लेवल पर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट होते हैं, इसमें जो जज होते हैं उन्हें डिस्ट्रिक्ट जज अर्थात जिला न्यायाधीश  एवं अपर जिला न्यायाधीश कहते हैं।

इसकी बाद जिले में है डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के सबोर्डिनेशन में सबोर्डिनेट कोर्ट होते हैं

जिसमें सिविल जज जूनियर डिवीजन एवं सीनियर डिवीजन जज होते हैं।

इस लेख मे हम केवल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट और सबोर्डिनेट कोर्ट मे जज कैसे बनते हैं इसी पर बात कर रहे हैं ।

यदि आप चाहते हैं कि, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जज कैसे बनते हैं,तो इस पर एक पृथक लेख के माध्यम से चर्चा की जाएगी ।

भारत में न्यायाधीश बनने की योग्यता(qualification to become a judge in india)

 जैसा कि हमने अभी ऊपर पढ़ा भारत में कितने प्रकार के जज होते हैं। तो उन सभी कोर्ट में आप जज बन सकते हैं। लेकिन वही हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जज बनने के लिए विशेष क्वालिफिकेशन की आवश्यकता होती है उसकी हम अलग से चर्चा करेंगे।

भारत में जज बनने के लिए कुछ बेसिक क्वालिफिकेशन की ज़रूरत होती है, जो आपके पास है,तभी आप भारत में जज बन पाएंगे। जिसमे पहली योग्यता  हैं –

शैक्षणिक योग्यता (Educational qualification) –

आपके पास law की डिग्री होना चाहिये। जिसे आप दो तरह से प्राप्त कर सकते हैं – पहला 12वीं क्लास के बाद B.A.LL.B(HONS.) या BBA. LL.B (hons) या B.com LL.B (HONS)  आदि courses में एडमिशन लेकर 5 वर्ष की  हॉनर्स डिग्री लेकर।

या फिर दूसरा ग्रेजुएशन करने के बाद LL.B कोर्स में एडमिशन लेकर 3 years की law की डिग्री हासिल कर सकते हैं।

यहां पर बहुत से लोगों के मन में ये डाउट रहता है की 3 years की लॉ डिग्री उनकी पोस्ट ग्रेजुएट होगी ,तो यहाँ पर क्लियर करना चाहते हैं, कि ये आपकी 3 years की LL.B की डिग्री ग्रेजुएशन की डिग्री ही होगी भले ही आपने पहले B.A. B.SC आदि किया हो।

अब सेकंड qualification है – age

तो भारत में जज बनने के लिए आपको कम से कम 21 साल का या उससे अधिक का  होना चाहिए तथा अधिकतम आयु  35 वर्ष है । आप यदि ओबीसी , एससी , एसटी कैटेगरी मे आते हैं, तो सरकारी नियम के अनुसार आप उम्र में छूट प्राप्त कर सकते है ।

यह उम्र संबंधी क्वालिफिकेशन केबल लोअर कोर्ट में जज बनने के लिए है। वहीं

HJS यानी हायर ज्यूडिशियल सर्विसेज के  लिए मिनिमम एज(AGE) 35 ईयर्स और मैक्सिमम (AGE) 45 YEARS हो जाएगी और इसके  के साथ एक QUALIFICATION  और जुड़ जाएगी वो है, 7 इयर्स का एडवोकेट के रूप में प्रैक्टिस होना चाहिए। इसके साथ ही साथ कम से कम 10 निर्णय मे अधिवक्ता के रूप मे नाम होना चाहिए ।

आपके पास जब यह क्वालिफिकेशन है तो अब बात आती है, कि आप जज कैसे बनेंगे ?

जज कैसे बनेंगे ? (How to become a judge?)

भारत में लॉ की डिग्री कंप्लीट करने के बाद आप दो तरीके से जज बन सकते हैं

पहला –  लोअर ज्यूडिशरी में – जूनियर सिविल जज बन सकते हैं।

दूसरा – हायर ज्यूडिशरी में- जिला न्यायाधीश बन सकते हैं।

इनमें सबसे पहले हम बात कर लेते हैं लोअर ज्यूडिशरी की –

भारत में आईएएस की तरह इंडिया लेवल पर इंडियन ज्यूडिशल सर्विस exam नहीं होता है  हालांकि इस पर लंबे समय से बात चल रही है, की आईएस की तर्ज पर एआईजेएस (AIJS) यानी अखिल भारतीय न्यायिक सेवा की परीक्षा होना चाहिए लेकिन अभी तक इस पर एकराय नहीं बन पाई है। इसलिए प्रत्येक राज्य में स्टेट वाइज जुडिशरी का एग्जाम कंडक्ट कराया जाता है, जिसे या तो हाईकोर्ट या स्टेट PSC कराता है, जिसे अलग-अलग राज्यों में डिफरेंट नाम से जाना जाता है ।

जैसे – मध्य प्रदेश में MPCJ जूनियर डिवीजन

 उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में- पीसीएस जे(PCS J)

राजस्थान में-  आरजेएस(RJS) आदि नामों से जाना जाता है।

जुडिशरी के एग्जाम के तीन स्टेज होते हैं

पहला-  प्रारंभिक परीक्षा अर्थात preliminary exam,जो अब्जेक्टिव टाइप रहता है।

दूसरा – मुख्य परीक्षा यानी mains exam जो लिखित होता है।

तीसरा – interview यानी साक्षात्कार जिसमे high court judge’s interview लेते है।

इन तीनों ही स्टेज को पास करने के बाद मुख्य परीक्षा और इंटरव्यू के मार्क्स को मिलाकर कट ऑफ लिस्ट तैयार की जाती है, यदि उसमें आपका नाम आता है, तो आप सिविल जज जूनियर डिविजन बनते हैं ।

जैसे ही आप को 7 से 10 साल हो जाते हैं, उसके बाद आपका सीनियर सिविल जज के लिए प्रमोशन होता है।

यहां पर एक बात जो बहुत ही इंपॉर्टेंट है सिविल जज को ही जुडिशल मजिस्ट्रेट सेकंड क्लास या  फर्स्ट क्लास की पावर दी जाती है। इस प्रकार से आप लॉ ग्रेजुएशन के बाद ही जज बन सकते हैं।

हायर ज्यूडिशरी में HJS  –

भारत में जज बनने का दूसरा विकल्प होता है, हायर ज्यूडिशल सर्विसेज का होता है । उच्च न्यायिक सेवाओं की परीक्षा राज्यवार होती है,जिसे उच्च न्यायालय कंडक्ट कराता है। इसके लिए जो है न्यूनतम आयु 35 वर्ष तथा अधिकतम आयु 45 वर्ष है और 7 साल की  एडवोकेट के रूप प्रैक्टिस होना अनिवार्य होता है । साथ ही कम से कम 10 जजमेंट में नाम भी होना चाहिए।

HJS का एग्जाम भी – 3 स्टेज पर कंडक्ट होता है.

पहला – preliminary यानी प्रारंभिक परीक्षा

दूसरा – mains अर्थात मुख्य परीक्षा

तीसरा–  इंटरव्यू अर्थात साक्षात्कार

मुख्य परीक्षा और इंटरव्यू के मार्क्स को मिलाकर कट ऑफ लिस्ट तैयार की जाती है यदि आप का नाम उस लिस्ट में आ जाता है तब आप डिस्ट्रिक्ट जज अर्थात एडीजे बनते हैं जिसे सेशन न्यायाधीश अर्थात अपर सेशन न्यायाधीश किस शक्तियां दी जाती है। इस तरह से आप भारत में जज बन सकते हैं ।

जज का वेतन (salary of judge):

अब आती है सबसे मुख्य बात, जिसको सब लोग को जानने में बड़ी रुचि रहती है। वह है, आखिर judge की सैलरी कितनी होती है।चलिए तो बिना किसी देरी के हम बता देते हैं कि जज की सैलरी कितनी होती है।

सिविल जज का वेतन :

आप यदि लोअर ज्यूडिशरी को ज्वाइन करते हैं, यानी सिविल जज बनते हैं –  तब आपको 70 से 80 हजार पर मंथ के बीच में सैलरी मिलती है,  जो आपकी सीनियरिटी के हिसाब से टाइम टू टाइम बढ़ती रहती है ।

नोट : नया वेतन ₹ 77840 – 136520

दूसरा फैक्टर यह स्टेट वाइज भी डिपेंड करती है किसी स्टेट में थोड़ी बहुत कम या ज्यादा हो सकती है वैसे ज्यादा डिफरेंस नहीं आता है।

जिला न्यायाधीश का वेतन :

और वही आप यदि डिस्ट्रिक्ट जज/ एडीजे बनते हैं ,तब आपकी जॉइनिंग के टाइम जो सैलरी होती है

 वह 1 लाख 60 हजार से दो लाख के बीच में होती है, जो टाइम टू टाइम बढ़ती रहती है।

नोट : ₹1,44,840 – 1,94,660+ भत्ता 

तो इस तरह से आप भारत में जज बन सकते हैं,।

इस लेख मे आपको यदि कोई बात समझ नहीं आई है या आपका फिर भी कोई डाउट है तो आप हमें कमेंट बॉक्स में या हमारे इंस्टाग्राम आईडी पर डायरेक्ट मैसेज करके हम से पूछ सकते हैं।

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