धारा 81 उस मजिस्ट्रेट द्वारा प्रक्रिया जिसके समक्ष ऐसे गिरफ्तार किया गया व्यक्ति लाया जाए-(1) यदि गिरफ्तार किया गया व्यक्ति वही व्यक्ति प्रतीत होता है जो वारंट जारी करने वाले न्यायालय द्वारा आशयित है तो ऐसा कार्यपालक मजिस्ट्रेट या जिला पुलिस अधीक्षक या पुलिस आयुक्त उस न्यायालय के पास उसे अभिरक्षा में भेजने का निदेश देगा :

परंतु यदि अपराध जमानतीय है और ऐसा व्यक्ति ऐसी जमानत देने के लिए तैयार और रजामंद है जिससे ऐसे मजिस्ट्रेट, जिला अधीक्षक या आयुक्त का समाधान हो जाए या वारंट पर धारा 71 के अधीन निदेश पृष्ठांकित है और ऐसा व्यक्ति ऐसे निदेश द्वारा अपेक्षित प्रतिभूति देने के लिए तैयार और रजामंद है तो वह मजिस्ट्रेट, जिला अधीक्षक या आयुक्त, यथास्थिति, ऐसी जमानत या प्रतिभूति लेगा और बंधपत्र उस न्यायालय को भेज देगा जिसने वारंट जारी किया था :

परंतु यह और कि यदि अपराध अजमानतीय है तो (धारा 437 के उपबंधों के अधीन रहते हुए) मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के लिए, या उस जिले के जिसमें गिरफ्तारी की गई है सेशन न्यायाधीश के लिए धारा 78 की उपधारा (2) में निर्दिष्ट जानकारी और दस्तावेजों पर विचार करने के पश्चात् ऐसे व्यक्ति को छोड़ देना विधिपूर्ण होगा ।

(2) इस धारा की कोई बात पुलिस अधिकारी को धारा 71 के अधीन प्रतिभूति लेने से रोकने वाली न समझी जाएगी ।

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