साक्ष्य अधिनियम धारा 8 क्या है section 8 evidence act in hindi
धारा 8. हेतु, तैयारी और पूर्व का या पश्चात् का आचरण- कोई भी तथ्य, जो किसी विवाद्यक तथ्य या सुसंगत तथ्य का हेतु या तैयारी दर्शित या गठित करता है, सुसंगत है। किसी वाद या कार्यवाही के किसी पक्षकार या किसी पक्षकार के अभिकर्ता का ऐसे वाद या कार्यवाही के बारे में या उसमें विवाद्यक तथ्य या उससे सुसंगत किसी तथ्य के बारे में आचरण और किसी ऐसे व्यक्ति का आचरण, जिसके विरुद्ध कोई अपराध किसी कार्यवाही का विषय है, सुसंगत है, यदि ऐसा आचरण किसी विवाद्यक तथ्य या सुसंगत तथ्य को प्रभावित करता है या उससे प्रभावित होता है, चाहे वह उससे पूर्व का हो या पश्चात् का ।
स्पष्टीकरण 1- इस धारा में आचरण शब्द के अन्तर्गत कथन नहीं आते, जब तक कि वे कथन उन कथनों से भिन्न कार्यों के साथ-साथ और उन्हें स्पष्ट करने वाले न हों, किन्तु इस अधिनियम की किसी अन्य धारा के अधीन उन कथनों की सुसंगति पर इस स्पष्टीकरण का प्रभाव नहीं पड़ेगा।
स्पष्टीकरण 2- जब किसी व्यक्ति का आचरण सुसंगत है, तब उससे, वा उसकी उपस्थिति और श्रवणगोचरता में किया गया कोई भी कथन, जो उस आचरण पर प्रभाव डालता है, सुसंगत है।
(क) ब की हत्या के लिए क का विचारण किया जाता है।
ये तथ्य कि क ने ग की हत्या की, कि ख जानता था कि क ने ग की हत्या की है और कि खा ने अपनी इस जानकारी को लोक विदित करने की धमकी देकर क से धन उद्दापित करने का प्रयत्न किया था, सुसंगत है।
(ख) के बन्धपत्र के आधार पर रुपए के संदाय के लिए ख पर बाद लाता है। ख इस बात का प्रत्याख्यान करता
है कि उसने बन्धपत्र लिखा। यह तथ्य सुसंगत है कि उस समय, जब बन्धपत्र का लिखा जाना अभिकथित है. ख को किसी विशिष्ट प्रयोजन के लिए धन चाहिए था।
(ग) विष द्वारा ख की हत्या करने के लिए क का विचारण किया जाता है।
यह तथ्य सुसंगत है कि ख की मृत्यु के पूर्व क ने ख को दिए गए दिए के जैसा विष उपाप्त किया था।
(घ) प्रश्न यह है कि क्या अमुक दस्तावेज क की विल है।
ये तथ्य सुसंगत है कि अभिकथित बिल की तारीख से थोड़े दिन पहले क ने उन विषयों की जांच की जिनसे अभिकथित विल के उपबन्धों का सम्बन्ध है, कि उसने वह विल करने के बारे में वकीलों से परामर्श किया और कि उसने अन्य विलों के प्रारूप बनवाए जिन्हें उसने पसन्द नहीं किया।
(ङ) क किसी अपराध का अभियुक्त है।
ये तथ्य कि अभिकथित अपराध से पूर्व या अपराध करने के समय या पश्चात् क ने ऐसे साक्ष्य का प्रबन्ध किया जिसकी प्रवृत्ति ऐसी थी कि मामले के तथ्य उसके अनुकूल प्रतीत हों या कि उसने साक्ष्य को नष्ट किया या छिपाया या कि उन व्यक्तियों की, जो साक्षी हो सकते थे, उपस्थिति निवारित की या अनुपस्थिति उपाप्त की या लोगों को उसके सम्बन्ध में मिथ्या साक्ष्य देने के लिए तैयार किया, सुसंगत है।
(च) प्रश्न यह है कि क्या क ने ख को लूटा ।
ये तथ्य कि के लूटे जाने के पश्चात् ग ने क की उपस्थिति में कहा कि च को लूटने वाले आदमी को खोजने के लिए पुलिस आ रही है और यह कि उसके तुरन्त पश्चात् क भाग गया, सुसंगत हैं।
(छ) प्रश्न यह है कि क्या ख के प्रति क 10,000 रुपए का देनदार है।
ये तथ्य कि क ने ग से धन उधार मांगा और कि च ने ग से क की उपस्थिति और श्रवण-गोचरता में कहा कि मैं तुम्हें सलाह देता हूं कि तुम क पर भरोसा न करो क्योंकि वह व के प्रति 10,000 रुपए का देनदार है और कि क कोई उत्तर दिए बिना चला गया, सुसंगत हैं।
(ज) प्रश्न यह है कि क्या क ने अपराध किया है।
यह तथ्य कि क एक पत्र पाने के उपरान्त, जिसमें उसे चेतावनी दी गई थी कि अपराधी के लिए जांच की जा रही है, फरार हो गया और उस पत्र की अन्तर्वस्तु, सुसंगत हैं ।
(झ) क किसी अपराध का अभियुक्त है।
ये तथ्य कि अभिकथित अपराध के किए जाने के पश्चात् वह फरार हो गया या कि उस अपराध से अर्जित सम्पत्ति या सम्पत्ति के आगम उसके कब्जे में थे या कि उसने उन वस्तुओं को, जिनसे वह अपराध किया गया था, या किया जा सकता था, छिपाने का प्रयत्न किया, सुसंगत हैं ।
(ञ) प्रश्न यह है कि क्यों क के साथ बलात्संग किया गया।
यह तथ्य कि अभिकथित बलात्संग के अल्पकाल पश्चात् उसने अपराध के बारे में परिवाद किया, वे परिस्थितियां जिनके अधीन तथा वे शब्द जिनमें वह परिवाद किया गया, सुसंगत हैं। यह तथ्य कि उसने परिवाद के बिना कहा कि मेरे साथ बलात्संग किया गया है, इस धारा के अधीन आचरण के रूप में सुसंगत नहीं है।
यद्यपि वह धारा 32 के खण्ड (1) के अधीन मृत्युकालिक कथन वा धारा 157 के अधीन सम्पोषक साक्ष्य के रूप में सुसंगत हो सकता है।
(ट) प्रश्न यह है कि क्या क को लूटा गया।
यह तथ्य कि अभिकथित लूट के तुरन्त पश्चात् उसने अपराध के सम्बन्ध में परिवाद किया, वे परिस्थितियां जिनके अधीन तथा वे शब्द, जिनमें वह परिवाद किया गया, सुसंगत हैं। यह तथ्य कि उसने कोई परिवाद किए बिना कहा कि मुझे लूटा गया है इस धारा के अधीन आचरण के रूप में सुसंगत नहीं है, यद्यपि वह धारा 32 के खण्ड (1) के अधीन मृत्युकालिक कथन, या धारा 157 के अधीन सम्पोषक साक्ष्य के रूप में सुसंगत हो सकता है।
FAQ:
आचरण धारा 8 मे सुसंगत है
धारा 8 के स्पष्टीकरण 1 मे