section 79 crpc in hindi | सीआरपीसी की धारा 79 क्या है ?

दंड प्रक्रिया साहिंता 1973 crpc in hindi

धारा 79 अधिकारिता के बाहर निष्पादन के लिए पुलिस अधिकारी को निदिष्ट वारंट-(1) जब पुलिस अधिकारी को निदिष्ट वारंट का निष्पादन उसे जारी करने वाले न्यायालय की स्थानीय अधिकारिता के बाहर किया जाना है तब वह पुलिस अधिकारी उसे पृष्ठांकन के लिए मामूली तौर पर ऐसे कार्यपालक मजिस्ट्रेट के पास, या पुलिस थाने के भारसाधक अधिकारी से अनिम्न पंक्ति के पुलिस अधिकारी के पास, जिसकी अधिकारिता की स्थानीय सीमाओं के अंदर उस वारंट का निष्पादन किया जाना है, ले जाएगा ।

(2) ऐसा मजिस्ट्रेट या पुलिस अधिकारी उस पर अपना नाम पृष्ठांकित करेगा और ऐसा पृष्ठांकन उस पुलिस अधिकारी के लिए, जिसको वह वारंट निदिष्ट किया गया है, उसका निष्पादन करने के लिए पर्याप्त प्राधिकार होगा और स्थानीय पुलिस यदि ऐसी अपेक्षा की जाती है तो ऐसे अधिकारी की ऐसे वारंट का निष्पादन करने में सहायता करेगी।

(3) जब कभी यह विश्वास करने का कारण हो कि उस मजिस्ट्रेट या पुलिस अधिकारी का, जिसकी स्थानीय अधिकारिता के अंदर वह वारंट निष्पादित किया जाना है, पृष्ठांकन प्राप्त करने में होने वाले विलंब से ऐसा निष्पादन न हो पाएगा, तब वह पुलिस अधिकारी, जिसे वह निदिष्ट किया गया है, उसका निष्पादन उस न्यायालय की जिसने उसे जारी किया है, स्थानीय अधिकारिता से परे किसी स्थान में ऐसे पृष्ठांकन के बिना कर सकता है ।

व्याख्या Explanation

दंड प्रक्रिया साहिंता की धारा 79 के अंतर्गत यह प्रावधान किया गया है कि जब गिरफ़्तारी वारंट उसे जारी करने वाले न्यायालय की अधिकारिता के बाहर निष्पादित किया जाना है और अधिकारिता के भीतर पुलिस अधिकारी को निर्दिष्ट  होने की दशा में वारंट का निष्पादन कैसे किया जाता है :

धारा 79(1) के अनुसार जब गिरफ्तारी वारंट न्यायालय की अधिकारिता के भीतर के पुलिस अधिकारी को निर्दिष्ट है,लेकिन उसका निष्पादन न्यायालय की अधिकारिता के बाहर किया जाना है। तब पुलिस अधिकारी उस वारंट को उस स्थान में अधिकारिता रखने वाले कार्यपालक मजिस्ट्रेट या पुलिस अधिकारी ( जो कि भारसाधक अधिकारी की रैंक से नीचे का ना हो) के पास लेकर जाएगा, जहां की वारंट निष्पादित किया जाना है।

धारा 79(2) के अनुसार पुलिस अधिकारी द्वारा वारंट इस प्रकार लाए जाने पर। वह मजिस्ट्रेट या पुलिस अधिकारी (जिसकी स्थानीय अधिकारिता में निष्पादन होना है) उस पर अपना नाम पृष्ठांकित करेगा और ऐसा पृष्ठांकन उस पुलिस अधिकारी के लिए (जिसे वारंट निर्दिष्ट किया है) निष्पादन के लिए पर्याप्त प्राधिकार होगा।

लेकिन उस पुलिस अधिकारी को (जिसे वारंट निर्दिष्ट है) यह लगता है कि पृष्ठांकन कराने में समय लगेगा और वारंट का निष्पादन नहीं हो पाएगा, तब वह बिना पृष्ठांकन के ही अपनी अधिकारिता के बाहर निष्पादन करा सकेगा। (धारा 79(3)

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