Section 15 Indian contract | धारा 15 संविदा अधिनियम
धारा 15 प्रपीड़न की परिभाषा – प्रपीड़न” इस आशय से किसी व्यक्ति से कोई करार कराया जाए कोई ऐसा कार्य करना या करने की धमकी देना है, जो भारतीय दण्ड संहिता (1860 का 45) द्वारा निषिद्ध है, अथवा किसी व्यक्ति पर, चाहे वह कोई हो, प्रतिकूल प्रभाव डालने के लिए किसी सम्पत्ति का विधिविरुद्ध निरोध करना या निरोध करने की धमकी देना है।
स्पष्टीकरण. यह तत्वहीन है कि जिस स्थान पर प्रपीड़न का योग किया जाता है वहां भारतीय दण्ड संहिता (1860 का 45) प्रवृत्त है या नहीं ।
दृष्टांत
खुले समुद्र में एक अंग्रेजी पोत पर ऐसे कार्य द्वारा, जो भारतीय दण्ड संहिता (1860 का 45) के अधीन आपराधिक अभित्रास की कोटि में आता है, ख से क एक करार कराता है। तत्पश्चात् क संविदा भंग के लिए कलकत्ते में ख पर वाद लाता है । क ने प्रपीडन का प्रयोग किया है, यद्यपि उसका कार्य इंग्लैंड की विधि के अनुसार अपराध नहीं है, और यद्यपि उस समय जब और उस स्थान पर जहां वह कार्य किया गया था भारतीय दण्ड संहिता (1860 का 45) की धारा 506 प्रवृत्त नहीं थी।
व्याख्या Explanation
धारा 14 | धारा 13 | धारा 12 | धारा 11 | धारा 10 | धारा 9 | धार 8 | धारा 7 | धारा 5 | धारा 3 | धारा 2 | धारा 1 धार 6 | धारा 4 | संविदा विधि की उद्देशिका |