Sunday, September 22, 2024
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section 15 Indian contract | dhara 15 Samvida Adhniyam | धारा 15 संविदा अधिनियम

Section 15 Indian contract | धारा 15 संविदा अधिनियम

धारा 15 प्रपीड़न की परिभाषा – प्रपीड़न” इस आशय से किसी व्यक्ति से कोई करार कराया जाए कोई ऐसा कार्य करना या करने की धमकी देना है, जो भारतीय दण्ड संहिता (1860 का 45) द्वारा निषिद्ध है, अथवा किसी व्यक्ति पर, चाहे वह कोई हो, प्रतिकूल प्रभाव डालने के लिए किसी सम्पत्ति का विधिविरुद्ध निरोध करना या निरोध करने की धमकी देना है।

स्पष्टीकरण.  यह तत्वहीन है कि जिस स्थान पर प्रपीड़न का योग किया जाता है वहां भारतीय दण्ड संहिता (1860 का 45) प्रवृत्त है या नहीं ।

दृष्टांत

खुले समुद्र में एक अंग्रेजी पोत पर ऐसे कार्य द्वारा, जो भारतीय दण्ड संहिता (1860 का 45) के अधीन आपराधिक अभित्रास की कोटि में आता है, ख से क एक करार कराता है। तत्पश्चात् क संविदा भंग के लिए कलकत्ते में ख पर वाद लाता है । क ने  प्रपीडन का प्रयोग किया है, यद्यपि उसका कार्य इंग्लैंड की विधि के अनुसार अपराध नहीं है, और यद्यपि उस समय जब और उस स्थान पर जहां वह कार्य किया गया था भारतीय दण्ड संहिता (1860 का 45) की धारा 506 प्रवृत्त नहीं थी।

व्याख्या Explanation 

संविदा अधिनियम की धारा 15 यह प्रावधान करती है कि यदि कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति से कोई कार्य करने के आशय से भारतीय दंड संहिता के अधीन प्रतिषिद्ध कोई कार्य करता है या करने की धमकी दे । या किसी व्यक्ति पर प्रतिकूल प्रभाव डालने के लिए उसकी सम्पति को विधिविरुद्ध रूप से निरोध करने या करने की धमकी देता है तब वह प्रपीड़न कहलाता है ।  प्रपीड़न का प्रभाव : यदि कोई कार्य प्रपीड़न के अधीन कराया जाता है, तो वह शून्यकरणीय होगा ।
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