Sunday, September 22, 2024
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Section 124A of IPC | आईपीसी की धारा 124 A क्या है |Section 124A of IPC in hindi

Section 124A of IPC | आईपीसी की धारा 124 A क्या है |Section 124A of IPC in hindi | राजद्रोह 

धारा 124 क. राजद्रोह- जो कोई बोले गये या लिखे गए शब्दों द्वारा या संकेतों के द्वारा या दृश्यरुपण द्वारा या अन्यथा [***] [भारत ] [***] में विधि द्वारा स्थापित सरकार के प्रति घृणा या अवमान पैदा करेगा, या पैदा करने का प्रयत्न करेगा, या अप्रीति प्रदीप्त करेगा या प्रदीप्त करने का प्रयत्न करेगा, वह [आजीवन कारावास] से जिसमें जुर्माना जोड़ा जा सकेगा, या तीन वर्ष तक के कारावास से जिसमें जुर्माना जोड़ा जा सकेगा, या जुर्माने से दंडित किया जाएगा ।

स्पष्टीकरण-1- “अप्रीति” पद के अंतर्गत अभक्ति और शत्रुता की समस्त भावनाएँ आती है |

स्पष्टीकरण-2 – घृणा, अवमान या अप्रीति को प्रदीप्त किए बिना या प्रदीप्त करने का प्रयत्न किए बिना, सरकार के कामों के प्रति विधिपूर्ण साधनों द्वारा उनको परिवर्तित कराने की दृष्टि से अननुमोदन प्रकट करने वाली टीका-टिप्पणियाँ इस धारा के अधीन अपराध नहीं हैं ।

स्पष्टीकरण-3 – घृणा, अवमान या अप्रीति को प्रदीप्त किए बिना या प्रदीप्त करने का प्रयत्न किए बिना सरकार के प्रशासनिक या अन्य क्रिया के प्रति अननुमोदन प्रकट करने वाली टीका-टिप्पणियाँ इस धारा के अधीन अपराध गठित नहीं करती हैं ।

  व्याख्या Explanation  

भारतीय दंड साहिंता की धारा 124A, 1870 मे राजद्रोह के अपराध को परिभाषित करते हुए एक दंडनीय अपराध के रूप मे भारतीय दंड साहिंता मे शामिल किया गया था । इसके अनुसार यदि कोई व्यक्ति भारत मे विधि द्वारा स्थापित सरकार के प्रति बोले गए या लिखे गए या संकेतों के माध्यम से घृणा या अवमान पैदा करेगा, या पैदा करने का प्रयास  करेगा, या असंतोष(शत्रुता की सभी भावनाओं को शामिल करते हुए) उत्पन्न करेगा या इसका प्रयास करेगा तो वह धारा 124a मे राजद्रोह का अपराध करता है । इसके लिए आजीवन कारावास जिसमे जुर्माना जोड़ा जा सकता है या 3 वर्ष तक का कारावास जिसमे जुर्माना जोड़ा जा सकता है या जुर्माने से दंडित किया जाएगा ।

इस धारा मे 3 स्पष्टीकरण दिए गए है, जिसमे भारतीय दंड साहिंता की धारा 124A का पहला स्पष्टीकरण यह बताता है की अप्रीति”(असंतोष) पद मे अभक्ति और शत्रुता की समस्त भावनाएँ आती है |

वही भारतीय दंड साहिंता की धारा 124A का  स्पष्टीकरण 2 यह बताता है कि घृणा, अवमान या अप्रीति को उत्तेजित किए बिना या इसका प्रयास किए बिना सरकार के कामों के विरुद्ध विधि पूर्ण साधनों के द्वारा असहमति जताने के लिए कोई टीका टिप्पणिया की जाती है, तब ऐसा करना धारा 124A के अधीन राजद्रोह नहीं होगा ।

तथा भारतीय दंड साहिंता की धारा 124A का  स्पष्टीकरण 3 यह बताता है कि घृणा, अवमान या अप्रीति को उत्तेजित किए बिना या इसका प्रयास किए बिना सरकार के प्रशासनिक या अन्य क्रिया के प्रति असहमति जताने के लिए कोई टीका टिप्पणिया की जाती है, तब ऐसा करना धारा 124A के अधीन राजद्रोह नहीं होगा ।

इस धारा को केदार नाथ बनाम बिहार राज्य (AIR 1962 SC 955) के मामले मे इस धारा की संवैधानिकता को चुनौती दी गई थी । उच्चतम न्यायालय ने संवैधानिक माना । धारा 124A अनुच्छेद 19 (1) (a) वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उलँघन नहीं करती है ।

FAQ:

Q. भारतीय दंड साहिंता की किस धारा मे राजद्रोह को परिभाषित कर दंडनीय अपराध घोषित किया गया है ?

A. धारा 124A

Q. भारतीय दंड साहिंता की धारा 124A मे राजद्रोह को किस केस मे संवैधानिक घोषित किया गया है ?

A.केदार नाथ बनाम बिहार राज्य (AIR 1962 SC 955) के मामले मे

Q. क्या आईपीसी की धारा 124a जमानती है?

A. नहीं, यह गैर जमानतीय (non bailable) अपराध है ।

Q.राजद्रोह के तहत सजा क्या है?

A. उम्रकैद या तीन वर्ष की जेल या जुर्माना

Q.राजद्रोह के मामले मे अधिकतम कितनी सजा दी जा सकती है ?

A. उम्रकैद

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