भारतीय इतिहास के स्वर्णिम पन्नों मे एक और अध्याय जुडने जा रहा है । एक ओर महिलायें हर क्षेत्र में सफलता का परचम लेहरा रही है, वहीं “नारी शक्ति वंदन अधिनियम” (“संविधान का 128 वां संशोधन विधेयक 2023” ) अब देश की महिलाओं के लिए विधायी क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने की दशा में एक ऐतिहासिक कदम है।
महिला आरक्षण बिल 2023 क्या है ?
दरअसल संसद के विशेष सत्र में लोकसभा और राज्य की विधान सभाओं में महिलाओं के लिए आरक्षण का उपबंध करने वाला विधेयक एक लंबे अरसे के बाद लोकसभा व राज्यसभा से पारित हो गया है। इसे “नारी शक्ति वंदन अधिनियम” नाम दिया गया, जिसके अनुसार अब महिलाओं के लिए लोकसभा और प्रत्येक राज्य की विधान सभा के लिए होने वाले चुनावों मे 33 % सीटें महिलाओं के लिए होंगी। यह संशोधन भारतीय राजनीतिक परिदृश्य में, विशेषकर महिलाओं के प्रतिनिधित्व के क्षेत्र में महत्वपूर्ण परिवर्तन करने जा रहा है। आइए इस अभूतपूर्व संशोधन के प्रमुख प्रावधानों और निहितार्थों पर गौर करें।
महिला आरक्षण बिल 2023 के प्रमुख प्रावधान :
संविधान का (128वां संशोधन) विधेयक 2023 के माध्यम से लोकसभा और राज्य की विधान सभाओं में महिलाओं के प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित करने के लिए । संसद ने अनुच्छेद 368 के अधीन संविधान मे संशोधन करने की अपनी शक्ति को प्रयोग मे लाते हुए । लोकसभा मे यह विधेयक पेश किया जिसके प्रमुख उपबंध निम्न है –
पहला प्रावधान: अनुच्छेद 239कक का संशोधन:
128वें संविधान संशोधन अधिनियम का पहला प्रावधान अनुच्छेद 239कक, विशेष रूप से खंड 2 के उपखंड (क ) (ख) के बाद नए उपखंड (कख), (खख)व (खग) जोड़ता है। अनुच्छेद 239एए दिल्ली के लिए विशेष प्रावधानों से संबंधित है, जिसकी अपनी विधान सभा है। संशोधन नए उपखंड (कख), (खख) में ऐसे प्रावधान पेश करता है, जो दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र की विधानसभा में महिला आरक्षण को अनिवार्य बनाते हैं।
उपखंड (कख) के अनुसार:दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र की विधानसभा में महिलाओं के लिए स्थान आरक्षित किए जाएंगे ।
उपखंड (खख) के अनुसार: दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र की विधानसभा में अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए एक तिहाई स्थान आरक्षित किए जाएंगे ।
उपखंड (खग) के अनुसार:दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र की विधानसभा में प्रत्यक्ष निर्वाचन द्वरा भरे जाने वाले कुल सीटों मे से (अनुसूचित जाति की महिलाओं को शामिल करते हुए ) एक तिहाई स्थान महिलाओं के लिएआरक्षित किए जाएंगे।
दूसरा प्रावधान : अनुच्छेद 330A लोकसभा में महिलाओं को आरक्षण:
दूसरा महत्वपूर्ण प्रावधान एक नया अनुच्छेद 330क को जोड़ता है। इस अनुच्छेद का उद्देश्य भारत की संसद के निचले सदन लोकसभा में लैंगिक असंतुलन को संतुलित करना है। इसमें यह प्रावधान है कि लोकसभा की कुल सीटों में से एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। यह महत्वपूर्ण परिवर्तन यह सुनिश्चित करने की दिशा में एक परिवर्तनकारी कदम है कि देश की सर्वोच्च विधायी संस्था में महिलाओं की मजबूत और प्रभावशाली उपस्थिति हो।
तीसरा प्रावधान: अनुच्छेद 332A विधान सभा मे महिलाओं को आरक्षण:
तीसरा महत्वपूर्ण प्रावधान भारतीय संविधान में अनुच्छेद 332A जोड़ता है। यह अनुच्छेद भारत के प्रत्येक राज्य की विधानसभाओं में महिला आरक्षण के लिए उपबंध करता है। राष्ट्रीय स्तर पर अपने समकक्ष, अनुच्छेद 330क की तरह, यह प्रावधान अनिवार्य करता है कि प्रत्येक राज्य विधानसभा में कुल सीटों में से एक-तिहाई महिलाओं के लिए आरक्षित की जाएंगी। यह कदम महिलाओं को राज्य-स्तरीय नीतियों और शासन को आयाम देने में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए सशक्त बनाता है।
चौथा प्रावधान : अनुच्छेद 334A आरक्षण का लागू होना:
निष्कर्ष :
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