धारा 3 का मूल पाठ :
3. लैंगिक उत्पीड़न का निवारण- (1) किसी भी महिला का किसी कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न नहीं किया जाएगा। (2) अन्य परिस्थितियों में निम्नलिखित परिस्थितियां, यदि वे लैंगिक उत्पीड़न के किसी कार्य या आचरण के संबंध में होती हैं या विद्यमान हैं या उससे संबद्ध हैं, लैंगिक उत्पीड़न की कोटि में आ सकेंगी :-
(i) उसके नियोजन में अधिमानी व्यवहार का विवक्षित या सुस्पष्ट वचन देना; या
(ii) उसके नियोजन में अहितकर व्यवहार की विवक्षित या सुस्पष्ट धमकी देना; या
(iii) उसके वर्तमान या भावी नियोजन की प्रास्थिति के बारे में विवक्षित या सुस्पष्ट धमकी देना; या
(iv) उसके कार्य में हस्तक्षेप करना या उसके लिए अभित्रासमय या संतापकारी या प्रतिकूल कार्य वातावरण सृजित करना; या
(v) उसके स्वास्थ्य या सुरक्षा को प्रभावित करने की संभावना वाला अपमानजनक व्यवहार करना।