धारा 9 का मूल पाठ :
अध्याय 4
परिवाद
9 लैंगिक उत्पीड़न का परिवाद- (1) कोई व्यथित महिला, कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न का परिवाद, घटना की तारीख से तीन मास की अवधि के भीतर और श्रृंखलाबद्ध घटनाओं की दशा में अंतिम घटना की तारीख से तीन मास की अवधि के भीतर, लिखित में, आंतरिक समिति को, यदि इस प्रकार गठित की गई है या यदि इस प्रकार गठित नहीं की गई है तो स्थानीय समिति को कर सकेगी:
परंतु जहां ऐसा परिवाद, लिखित में नहीं किया जा सकता है वहां, यथास्थिति, आंतरिक समिति का पीठासीन अधिकारी या कोई सदस्य, या स्थानीय समिति का अध्यक्ष या कोई सदस्य, महिला को लिखित में परिवाद करने के लिए सभी युक्तियुक्त सहायता प्रदान करेगा :
परंतु यह और कि, यथास्थिति, आंतरिक समिति या स्थानीय समिति, लेखबद्ध किए जाने वाले कारणों से तीन मास से अनधिक की समय-सीमा को विस्तारित कर सकेगी, यदि उसका यह समाधान हो जाता है कि परिस्थितियां ऐसी थीं, जिसने महिला को उक्त अवधि के भीतर परिवाद फाइल करने से निवारित किया था।
(2) जहां व्यथित महिला, अपनी शारीरिक या मानसिक असमर्थता या मृत्यु के कारण या अन्यथा परिवाद करने में असमर्थ है वहां उसका विधिक वारिस या ऐसा अन्य व्यक्ति जो विहित किया जाए, इस धारा के अधीन परिवाद कर सकेगा।
धारा 9 की व्याख्या :