भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास संस्था लिमिटेड (इरेडा) ने वित्त वर्ष 2024-25 में अपने ऋण स्वीकृतियों, संवितरणों और ऋण पुस्तिका में जबरदस्त वृद्धि दर्ज करके ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। अनंतिम आंकड़ों के अनुसार, इरेडा ने 31 मार्च 2025 तक ₹47,453 करोड़ के ऋण स्वीकृत किए हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 27% अधिक है। इसी अवधि के दौरान ऋण संवितरण भी 20% बढ़कर ₹30,168 करोड़ हो गया, जबकि ऋण पुस्तिका 28% बढ़कर ₹76,250 करोड़ हो गई।
इरेडा के शानदार वित्तीय प्रदर्शन की मुख्य विशेषताएं:
ऋण स्वीकृतियां: ₹47,453 करोड़ (27% वृद्धि)
ऋण वितरण: ₹30,168 करोड़ (20% वृद्धि)
बकाया ऋण पुस्तिका: ₹76,250 करोड़ (28% वृद्धि)
भारत स्वच्छ ऊर्जा की ओर मजबूती से आगे बढ़ रहा है:
इरेडा के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक श्री प्रदीप कुमार दास ने इस उपलब्धि पर कहा, “हमारी निरंतर प्रगति इस बात का प्रमाण है कि हम भारत के स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों की ओर मजबूत कदम उठा रहे हैं। ऋण स्वीकृतियों और वितरण में वृद्धि अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं का समर्थन करने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।”
उन्होंने आगे कहा, “हम अभिनव और सुलभ वित्तपोषण समाधानों के माध्यम से भारत के हरित ऊर्जा संक्रमण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। यह उपलब्धि हमारे निवेशकों और भागीदारों के प्रति हमारी पारदर्शिता और मजबूत कॉर्पोरेट प्रशासन को भी रेखांकित करती है।”
इसका प्रभाव:
- भारत के अक्षय ऊर्जा क्षेत्र को और अधिक वित्तीय सहायता मिलेगी।
- स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाओं को बढ़ावा मिलेगा, जिससे कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी।
- अक्षय ऊर्जा क्षेत्र निवेशकों के लिए और अधिक आकर्षक बन सकता है।
- भारत की ऊर्जा आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा।
इरेडा: परीक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण जानकारी
- स्थापना: 11 मार्च 1987
- मुख्यालय: नई दिल्ली
- मंत्रालय: नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई)
- उद्देश्य: भारत में अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करना।
- क्षेत्र: सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, जैव ऊर्जा, लघु जल विद्युत परियोजनाएँ आदि
- महत्वपूर्ण पहल: आईपीओ लॉन्च (2023), ग्रीन फाइनेंसिंग, नेट-जीरो लक्ष्य को समर्थन।
इरेडा की यह उपलब्धि भारत के ऊर्जा भविष्य को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। ये आंकड़े अभी भी ऑडिट के अधीन हैं, लेकिन इरेडा की शानदार प्रगति को दर्शाते हैं।