मध्यप्रदेश सिविल न्यायाधीश वर्ग-2
(प्रवेश स्तर) परीक्षा
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के द्वारा प्रतिवर्ष व्यवहार न्यायाधीश परीक्षा वर्ग 2 का आयोजन किया जाता है इस परीक्षा का आयोजन तीन भागों में आयोजित किया जाता है
प्रारंभिक परीक्षा
मुक्त परीक्षा
साक्षात्कार
इन पर विस्तार से चर्चा करने से पूर्व इस पद के लिए अर्हताओं को जान लेते हैं।
आवश्यक अर्हता –
कोई भी व्यक्ति सिविल न्यायाधीश वर्ग-2 (प्रदेश स्तर) सीधी भर्ती के पद के लिए अर्ह तभी होगा जब कि वह-
(1) भारत का नागरिक हो ।
(2)मान्यता प्रप्त विश्वविद्यालय से विधि स्नातक की उपाधि आवेदन की अंतिम तिथि तक प्राप्त कर ली हो और उसका अंतिम परिणाम घोषित हो चुका हो और उनके पास आवश्यक दस्तावेज उस दिन को मौजूद हों।
(3) वह अच्छा चरित्र रखता हो तथा अच्छे स्वास्थ्य वा हो तथा किसी भी ऐसे शारीरिक कमी वाला ना हो जो उसे ऐसी नियुक्ति के लिए अनुपयुक्त
करता हो।
(4) आयु सीमा 1 जनवरी 2020 को 21 वर्ष की आयु पूर्ण कर ली हो किन्तु 35 वर्ष की आयु पूर्ण न की हो।
उच्चतम आयु सीमा में छूट –
(a) म.प्र. के मूल निवासी जो कि म.प्र. के लिये अधिसूचित अजा/अजजा/अपिव के हैं, उन्हें उच्चतम आयु सीमा में 3 वर्ष को छूट दी जाएगी।
(b) म.प्र. शासन के समस्त श्रेणी के रथायी या अस्थायी शाराकीय कर्मचारियों
(जिनमें महिला कर्मचारी भी शामिल हैं) के लिए उच्चत्म अयु सीमा में 3
वर्ष की छूट दी जावेगी।
(C))दिव्यांग आवेदकों को भी उच्चतन आयु सीमा में 3 वर्ष की छूट दी जाएगी।
(d) दिव्यांग आवेदकों को भी उच्चतम आयु सीमा में 3वर्ष की छूट का लाभ दिया जाएगा उच्चतम आयु सीमा में छूट प्राप्त करने के लिए दिव्यांग आवेदक को आवेदन करने की तिथि को 40% या अधिक की दिव्यांगता होने पर ही प्राप्त
होगा।
note 1
1. ऐसे आवेदक जे गध्यप्रदेश के मूल निवासी नहीं हैं, उन्हें अनारक्षित (unreserved/General) श्रेणी में ही माना जावेगा और वे आवेदन पत्र में अपनी श्रेणी अनारक्षित(unreserved) ही भरें और उसी के अनुसार परीक्षा शुल्क भी देय होगा और उन्हें अजा, अजजा एवं अपिव श्रेणी का कोई लाभ नहीं मिलेगा।
2. आयु सीमा में छूट का लाभ आवेदक द्वारा तत्संबंधी प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने पर ही दिया जाएगा।
3.यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी स्वयं आवेदक की होगी कि वह आवेदित पद के लिये निर्धारित समस्त अर्हताओं और शर्तों को आवेदन करने की अंतिम तिथि तक पूरा करता है। अतः आवश्यक अर्हता प्राप्त आवेदक ही आवेदन करें। आवेदन करने की अंतिम तिथि के पश्चात् प्राप्त किसी भी अर्हता को विज्ञापित पद के लिये मान्य नहीं किया जायेगा। परीक्षा में प्रवेश देने अथवा साक्षात्कार के लिये आमंत्रित करने का अर्थ यह कदापि नहीं होगा कि आवेदक को अर्ह मान लिया गया है। चयन के किसी भी स्तर पर आवेदक के अनर्ह पाये जाने पर उसका आवेदन पत्र, बिना पूर्व सूचना के, निरस्त कर उसकी उम्मीदवारी समाप्त कर दी जाएगी तथा इस सम्बन्ध में आवेदन/अभ्यावेदन संक्षिप्ततः निरस्त कर दिये जायेंगे।
4.यदि किसी अभ्यर्थी ने अपनी योग्यता, जन्मतिथि, अर्हता अथवा आरक्षण से सम्बन्धित या अन्य कोई जानकारी जो परीक्षा या चयन प्रक्रिया के दौरान किसी भी समय ऑनलाइन आवेदन या आवेदन पत्र या दस्तावेज में चाही गयी है, से सम्बन्धित गलत जानकारी दिया है तो किसी भी समय उसे संज्ञान में आने पर तत्काल उसकी अभ्यर्थिता बिना कोई कारण बताये निरस्त कर दी जायेगी और उसे परीक्षा के आगे के चरण में भाग लेने का अधिकार नहीं रहेगा।
अनर्हताएँ(Disqualification) –
निम्नलिखित मामलों में, उल्लंघन करने वाले आवेदकों का अभियोजन किया
जा सकेगा और/या चयन के लिये उसकी उम्मीदवारी निरस्त की जा सकेगी
और/या उसे या तो स्थायी रूप से या विशिष्ट अवधि के लिये विवर्जित कर दिया
जाएगा :
1.जिसने अपनी उम्मीदवारी के लिये साक्षात्कार में किसी भी तरीके से समर्थन प्राप्त किया हो या इसके लिये प्रयास किया हो, या
2 प्रतिरूपण (इम्परसोनेशन) किया हो या कराया हो, या
3.कूटरचित दस्तावेज या ऐसे दस्तावेज प्रस्तुत किये हों, जिनमें फेरबदल किया गया हो, या
4.चयन के किसी भी स्तर पर परीक्षा हेतु दिये गये किसी भी आवेदन/प्रपत्र/अनुप्रमाणन/दस्तावेज में असत्य जानकारी दी हो या सारभूत जानकारी छिपाई हो, या
5. परीक्षा में प्रवेश पाने के लिये कोई अन्य अनियमित या अनुचित साधन अपनाया हो, या
6.परीक्षा कक्ष में अनुचित साधनों का उपयोग किया हो या करने का प्रयास
किया हो, या
7. परीक्षा संचालन में या साक्षात्कार में लगे कर्मचारियों/अधिकारियों को परेशान किया हो या धमकाया हो या शारीरिक क्षति पहुँचायी हो या किसी तरीके से दुर्व्यवहार किया हो, या
8.आवेदकों को प्रवेश पत्र में दिये गये किन्हीं निर्देशों या अन्य अनुदेशों (पहचान चिन्ह अंकित करने से संबंधित अनुदेशों को छोड़कर), जिनमें परीक्षा संचालन में लगे केन्द्र पर्यवेक्षक या अन्य कर्मचारी द्वारा मौखिक रूप से दी गई हिदायतें भी शामिल हैं, का उल्लंघन किया हो ।
9.मध्यप्रदेश सिविल सेवा (सेवा की सामान्य शत) नियम, 1981 के नियम, 6 के अनुसार नियुक्ति के लिये वह उम्मीदवार अपात्र होगा जो निम्न में से कोई हो:
(अ) पुरुष उम्मीदवार जिसकी एक से अधिक पत्नियों जीवित हों । इसी प्रकार
महिला उम्मीदवार जिसने किसी ऐसे व्यक्ति से विवाह किया हो जिसकी पहले से ही एक पत्नी जीवित हो । ऐसे मामले में शासन ही अन्यथा निर्णय ले सकता है अर्थात् यदि शासन का इस बात से समाधान हो जाए कि ऐसा करने का पर्याप्त कारण है, तो वह इस प्रतिबंध से छूट दे सकता है ।
(ब) जो शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं पाया जाए ।
(स) जिसे महिलाओं के विरुद्ध किसी अपराध का सिद्ध दोष ठहराया गया हो।
(द) जिसकी दो से अधिक संतान हैं, जिनमें से एक का जन्म 25 जनवरी, 2001 को या उसके पश्चात् हुआ है परंतु निरहित नहीं होगा यदि एक संतान के जीवित रहते आगामी प्रसव में दो या दो से अधिक संतान का जन्म होता है।
खण्ड-“ब”
परीक्षा की योजना :- यह परीक्षा तीन चरणों में होगी :
1. ऑनलाइन प्रारंभिक परीक्षा
2 मुख्य परीक्षा व
3. साक्षात्कार।
1. ऑनलाइन प्रारंभिक (अनुवीक्षण) परीक्षा (150 अंक)
प्रथम चरण में ऑनलाइन प्रारंभिक परीक्षा आयोजित की जाएगी जो कि मुख्य परीक्षा के लिये आवेदकों की संख्या को सीमित करने के लिए केवल अनुवीक्षण (Screening) परीक्षा होगी। प्रारम्भिक परीक्षा के प्राप्तांकों को अंतिम चयन में नही जोडा जाएगा।
एक- ऑनलाइन प्रारंमिक परीक्षा का दिनांक समय/ सत्र व केन्द्र – प्रारंभिक परीक्षा आनलाइन, एम. पी.ऑनलाइन के द्वारा अपने पोर्टल/वेबसाइट के माध्यम से एक ही दिनांक (शनिवार/रविवार) को एक या दो सत्र में लिया जायेगा। परीक्षा का सत्र एवं समय बाद में अधिसूचित किया जायेगा। । परीक्षा का सत्र एवं समय बाद में अधिसूचित किया जावेगा। दो सत्र में परीक्षा होने पर
दोनों सत्र (Shift) के प्रश्न पत्र के सेट अलग अलग होंगे। किसी भी सेट के संबंध में परीक्षार्थियों को कोई आपत्ति करने का अधिकार नहीं होगा। परीक्षा केन्द्र विभिन्न
जिला मुख्यालय के शैक्षणिक संस्थान होगें। परीक्षार्थियों को परीक्षा केन्द्र के जिले के
चयन का विकल्प दिया जायेगा परन्तु परीक्षा केन्द्र व जिले तथा परीक्षा शिफ्ट के
बारे में अंतिम निर्णय एम.पी. ऑनलाईन का परीक्षार्थियों की संख्या को देखते हुये,
होगा। इस संबंध में किसी भी अभ्यर्थी को कोई आपत्ति करने का अधिकार नहीं
होगा। परीक्षा केन्द्र के संभावित जिले जबलपुर. भोपाल, इन्दौर, ग्वालियर आदि
होंगे। ऑनलाईन आवेदन करने की अंतिम तिथि के बाद, परीक्षार्थियों की
संख्या को देखते हुये, परीक्षा केन्द्र व परीक्षा जिले कम या अधिक एम.पी.
ऑनलाईन द्वारा किये जा सकेगें। परीक्षा सत्र, परीक्षा केन्द्र व परीक्षा जिले के
आबंटन संबंधी एम.पी. ऑनलाईन का निर्णय अंतिम होगा।
दो – प्रवेश पत्र – प्रवेश पत्र मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा अपनी वेबसाईट पर जारी किया जावेगा, जिसका प्रिंट आउट स्वयं अभ्यर्थी को प्राप्त करना होगा। प्रवेश पत्र का प्रिंट आउट (www.mphc.gov.in) / एम.पी ऑनलाइन की वेबसाईट (www.mponline.gov.in) के माध्यम से
अपना आवेदन क्रमांक एवं जन्मतिथि डालकर प्राप्त किया जा सकेगा। प्रिंटआउट की सुविधा ऑनलाइन प्रारंभिक परीक्षा की तिथि के लगभग 07 दिन पूर्व से उपलब्धहोगी, जिसका पृथक से कोई शुल्क देय नहीं होगा।
तीन- ऑनलाइन प्रारम्भिक परीक्षा का पाठ्यक्रम : तीन- ऑनलाइन प्रारम्भिक परीक्षा का पाठ्यक्रम :ऑनलाइन प्रारम्भिक परीक्षा का विस्तृत पाठ्यक्रम निर्धारित अंकों सहित
निम्नानुसार है
प्रारम्भिक परीक्षा का पाठ्यक्रम (MP Judiciary Prelims Syllabus 2021)
विषय |
कुल प्रश्न |
अक |
1. भारत का संविधान |
10 |
10 |
2. सिविल प्रक्रिया संहिता |
15 |
15 |
3. संपत्ति अंतरण अधिनियम |
07 |
07 |
4. भारतीय संविदा अधिनियम |
08 |
08 |
5. विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम |
06 |
06 |
6. परिसीमा अधिनियम |
04 |
04 |
7. म.प्र स्थान नियंत्रण अधिनियम |
05 |
05 |
8. म.प्र. भू राजस्व संहिता |
05 |
05 |
9. भारतीय साक्ष्य अधिनियम |
15 |
15 |
10. भारतीय दंड संहिता |
15 |
15 |
11. दंड प्रक्रिया संहिता |
15 |
15 |
12. नेगोशिएबुल इंस्ट्रूमेंट एक्ट |
05 |
05 |
13. सामान्य ज्ञान |
20 |
20 |
14. कम्प्यूटर ज्ञान |
10 |
10 |
15.अंग्रेजी ज्ञान |
10 |
10 |
कुल |
150 |
150
|
चार – ऑनलाइन प्रारंभिक परीक्षा प्रक्रिया :(1) ऑनलाइन प्रारंभिक परीक्षा निर्धारित परीक्षा केन्द्रों में आवश्यकतानुसार एक या दो
सत्र में आयोजित की जाएगी। ऑनलाइन परीक्षा हेतु 150 प्रश्न वस्तुनिष्ठ प्रकार के
पूछ जायेंगे जिसमें प्रत्येक प्रश्न के 4 संभावित उत्तर/विकल्प होंगे
अभ्यर्थी/परीक्षार्थी प्रश्नों को किसी भी क्रम में हल कर सकेगा अर्थात् किसी प्रश्न क्रमांक को हल न कर सकने की स्थिति में आगे बढ़ सकेगा तथा आवश्यकता पड़ने पर पिछले प्रश्न पर वापस जा सकेगा इस परीक्षा हेतु प्रश्न पत्र हल करने की समय-सीमा 120 मिनट यानि 2 घण्टे की होगी। इस परीक्षा में कोई निगेटिव मार्किंग सिस्टम नहीं रहेगा।
(2) Mock Test (मॉक टेस्ट)- आवेदकों के लिये ऑनलाइन प्रश्न पत्र को हल
करने की प्रक्रिया से अवगत कराने हेतु एमपीऑनलाइन की वेबसाइट
www.mponline.gov.in पर Mock Test (मॉक टेस्ट) (परीक्षा अभ्यास) की
सुविधा उपलब्ध रहेगी एवं यह प्रक्रिया ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि के
पश्चात् शुरू हो जायेगी।
(3) आवेदक को परीक्षा तिथि पर प्रवेश पत्र के साथ एक मूल फोटो पहचान पत्र लाना
होगा और उसके पहचान के सत्यापन एवं बायोमेट्रिक रजिस्ट्रेशन के बाद ही परीक्षा
केन्द्र/कक्ष में प्रवेश दिया जायेगा। मूल फोटो पहचान पत्र नहीं होने पर आवेदक को
परीक्षा देने से वर्जित कर दिया जावेगा। पहचान पत्र की फोटो कापी मान्य नहीं होगी।
(4) प्रत्येक आवेदक को ऑनलाइन परीक्षा देने के लिए एक-एक कम्प्यूटर दिया
जायेगा। परीक्षा शुरू करने के पहिले आवेदक को यूजर आई.डी. के स्थान पर
अपना एप्लिकेशन नंबर एवं पासवर्ड के स्थान पर जन्मतिथि डालनी होगी।
(5) इसके पश्चात् आवेदक को स्क्रीन पर एक प्रश्न और उसके चार संभावित उत्तर
/विकल्प दिखेंगे। आवेदक को इन चारों में से किसी एक सबसे उपयुक्त विकल्प
को चुनकर अपना सही उत्तर सेव कर सकता है। सेव करने के बाद उत्तर में
सुधार या परिवर्तन नहीं होगा।
(6) ऑनलाइन परीक्षा के दौरान परीक्षार्थी के कम्प्यूटर स्क्रीन पर उसका फोटो/विवरण
दिखेगा, जिससे भी उसकी पहचान की जांच व पुष्टि वीक्षक द्वारा की जा सकेगी।
(7) ऑनलाइन परीक्षा प्रक्रिया से संबंधित विस्तृत विवरण एमपी हाई कोर्ट द्वारा अपनी वेबसाइट पर भी दिया जा सकेगा।
मुख्य परीक्षा (MP Judiciary Mains Syllabus 2021 (400 अंक)
एक-(1) मुख्य परीक्षा हेतु आवेदन पत्र – मुख्य परीक्षा हेतु आवेदन पत्र, समस्त
दस्तावेजों के स्वप्रमाणित प्रति के साथ, प्रारंभिक परीक्षा में मुख्य परीक्षा हेतु पाये गये अभ्यर्थियों से बुलाये जायेंगे। मुख्य परीक्षा के आवेदन का प्रारूप म.प्र. उच्च न्यायालय की वेबसाइट www.mphc.gov.in पर प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम के साथ दिया जायेगा, जिसे भरकर आवश्यक दस्तावेज और फोटो के
साथ सफल अभ्यर्थी को परीक्षा सेल द्वारा निर्धारित तिथि के पूर्व आवश्यक रूप से परीक्षा सेल. उच्च न्यायालय मध्यप्रदेश, जबलपुर में व्यक्तिगत रूप से अथवा डाक के माध्यम से जमा कराना होगा । उक्त समय के बाद मुख्य परीक्षा हेतु प्राप्त आवेदनों को निरस्त माना जायेगा और ऐसे अभ्यर्थी को मुख्य परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं रहेगी, भले ही उसने प्रवेश पत्र को संबंधित वेबसाइट से डाउनलोड कर लिया हो । उक्त समयावधि बाद प्राप्त आवेदनों के संबंध में कोई आवेदन अथवा अभ्यावेदन पर विचार नहीं किया जायेगा और संक्षिप्ततः निरस्त कर दिया
जायेगा।
(अ) प्रथम प्रश्न पत्र – प्रथम प्रश्न पत्र संविधान, सिविल विधि एवं प्रक्रिया का होगा –
जिसके लिए 100 अंक निर्धारित है,
प्रथम प्रश्न पत्र का पाठ्यक्रम इस प्रकार हैं :
1. भारत का संविधान
2. सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908
3. संपत्ति अंतरण अधिनियम, 1982 4. भारतीय संविदा अधिनियम, 1872
5. विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम, 1963 6. परिसीमा अधिनियम, 1963
(अध्याय – I, II and VIE VIII) (भाग – || & III)
(ब) द्वितीय प्रश्न पत्र – द्वितीय प्रश्न पत्र लेखन एवं संक्षेपण का होगा जिसके
लिए 100 अंक निर्धारित है, द्वितीय प्रश्न पत्र का पाठ्यक्रम इस प्रकार है :
1. लेख सामाजिक विषय पर-30 अंक
2. लेख विधिक विषय पर -20 अंक
3. संक्षिप्तिकरण लेखन-20 अंक
4. हिन्दी से अंग्रेजी में अनुवाद -15 अंक
5 अंग्रेजी से हिन्दी में अनुवाद-15 अंक
(स) तृतीय प्रश्न पत्र – तृतीय प्रश्न पत्र स्थानीय विधि, अपराध विधि एवं प्रक्रिया का होगा जिसके लिए 100 अंक निर्धारित है, तृतीय प्रश्न पत्र का पाठ्यक्रमइस प्रकार है:
1. म.प्र. स्थान नियंत्रण अधिनियम, 1961
2 म.प्र. भू-राजस्व संहिता, 1959
3. भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872
4. भारतीय दंड संहिता, 1860
5. दंड प्रक्रिया संहिता, 1973
6. नेगोशिएबुल इंस्ट्रूमेंटस एक्ट,1881
(धारा 138 से धारा 147 तक)
(द) चतुर्थ प्रश्न पत्र – चतुर्थ प्रश्न पत्र निर्णय लेखन का होगा जिसके लिए 100
अंक निर्धारित है, चतुर्थ प्रश्न पत्र का पाठ्यक्रम इस प्रकार है :
1. विवाद्यकों का स्थिरीकरण- 10 अंक
2. आरोपों की विरचना- 10 अंक
3. निर्णय/आदेश (सिविल) लेखन (CI-II) – 40 अंक
4 निर्णय/आदेश (दांडिक) लेखन (JMRC) -40 अंक
नोट-1. सभी प्रश्न पत्रों में प्रश्नों के उत्तर एक ही भाषा हिन्दी या अंग्रेजी में लिखना।
20.59368478.96288