भारत में कार्यस्थलों पर महिलाओं को यौन उत्पीड़न से सुरक्षा के लिए, “महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम, 2013” एक अहम विधि है। इस अधिनियम को आम बोलचाल की भाषा में पॉश एक्ट 2013 (posh act 2013) के रूप में भी जानते हैं । पॉश एक्ट उद्देशिका व धारा 1 निम्नानुसार है:
उद्देशिका का मूल पाठ :
महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न
(निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष)
अधिनियम, 2013
(2013 का अधिनियम संख्यांक 14)
[22 अप्रैल 2013]
महिलाओं के कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न से संरक्षण और लैंगिक उत्पीड़न के परिवादों के निवारण तथा प्रतितोषण और उससे संबंधित या उसके आनुषंगिक विषयों का उपबंध करने के लिए अधिनियम लैंगिक उत्पीड़न के परिणामस्वरूप भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 और अनुच्छेद 15 के अधीन समता तथा संविधान के अनुच्छेद 21 के अधीन प्राण और गरिमा से जीवन व्यतीत करने के किसी महिला के मूल अधिकारों और किसी वृत्ति का व्यवसाय करने या कोई उपजीविका, व्यापार या कारबार करने के अधिकार का, जिसके अंतर्गत लैंगिक उत्पीड़न से मुक्त सुरक्षित वातावरण का अधिकार भी है, उल्लंघन होता है; और, लैंगिक उत्पीड़न से संरक्षण तथा गरिमा से कार्य करने का अधिकार, महिलाओं के प्रति सभी प्रकार के विभेदों को दूर करने संबंधी अभिसमय जैसे अंतरराष्ट्रीय अभिसमयों और लिखतों द्वारा सर्वव्यापी मान्यताप्राप्त ऐसे मानवाधिकार हैं, जिनका भारत सरकार द्वारा 25 जून, 1993 को अनुसमर्थन किया गया है; और, कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न से महिलाओं के संरक्षण के लिए उक्त अभिसमय को प्रभावी करने के लिए उपबंध करना समीचीन है; भारत गणराज्य के चौंसठवें वर्ष में संसद् द्वारा निम्नलिखित रूप में यह अधिनियमित हो :-
धारा 1 का मूल पाठ :
अध्याय 1
प्रारंभिक
1 संक्षिप्त नाम, विस्तार और प्रारंभ- (1) इस अधिनियम का संक्षिप्त नाम महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम, 2013 है।
(2) इसका विस्तार संपूर्ण भारत पर है।
(3) यह उस तारीख को प्रवृत्त होगा, जो केन्द्रीय सरकार राजपत्र में अधिसूचना द्वारा नियत करे।
धारा 1 की व्याख्या :
महिलाओं के कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न से संरक्षण अधिनियम की धारा 1 संक्षिप्त नाम, विस्तार और प्रारंभ के संबंध में उपबंध करती है ।
धारा 1 (1) के अनुसार संक्षिप्त नाम: “महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम, 2013” है । हालाँकि सामान्य बोलचाल के रूप में इसे पॉश एक्ट भी कहते हैं किन्तु परीक्षा की दृष्टि से सही नाम उपधारा 1 में बताया गया नाम ही होगा ।
धारा 1 (2) के अनुसार विस्तार : यह अधिनियम पूरे भारत में लागू है ।
होगा ।
धारा 1 (3) के अनुसार प्रवृत्त :- यह अधिनियम केंद्र सरकार द्वारा विहित की गई दिनांक से लागू है, जो कि 9 दिसंबर, 2013 है । अधिसूचना संख्या एस.ओ. 3606(ई), दिनांक 9 दिसंबर, 2013, देखें भारत का राजपत्र, असाधारण, भाग II, खंड 3(ii)।
महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम, 2013 की अन्य धाराएं :
धारा 1 | धारा 2 | धारा 3 |
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धारा 4 | धारा 5 | धारा 6 |
धारा 7 | धारा 8 | धारा 9 |
धारा 10 | धारा 11 | धारा 12 |
धारा 13 | धारा 14 | धारा 15 |
धारा 16 | धारा 17 | धारा 18 |
धारा 19 | धारा 20 | धारा 21 |
धारा 22 | धारा 23 | धारा 24 |
धारा 25 | धारा 26 | धारा 27 |
धारा 28 | धारा 29 | धारा 30 |
Q. कार्यस्थल पर सेक्सुअल हरासमेंट यानि लैंगिक उत्पीड़न होने पर कौन से कानून में शिकायत दर्ज की जाती है ?
A. जब किसी महिला के साथ कार्यस्थल पर (जहाँ वह काम करती है)सेक्सुअल हरासमेंट यानि लैंगिक उत्पीड़न किया जाता है । तब वह महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम, 2013 के अधीन शिकायत कर सकती है ।
Q.महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम, 2013 कब से लागू हुआ ?
A. 9 दिसंबर, 2013