धारा 27 का मूल पाठ :
27. न्यायालयों द्वारा अपराध का संज्ञान-(1) कोई भी न्यायालय इस अधिनियम या उसके अधीन बनाए गए किन्हीं नियमों के अधीन दंडनीय किसी अपराध का संज्ञान, व्यथित महिला या आंतरिक समिति अथवा स्थानीय समिति द्वारा इस निमित्त प्राधिकृत किसी व्यक्ति द्वारा परिवाद किए जाने के सिवाय न करेगा।
(2) महानगर मजिस्ट्रेट या प्रथम वर्ग न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय से अवर कोई न्यायालय इस अधिनियम के अधीन दंडनीय किसी अपराध का विचारण नहीं करेगा।
(3) इस अधिनियम के अधीन प्रत्येक अपराध असंज्ञेय होगा।