सोमवार, मार्च 10, 2025
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धारा 14 संविदा अधिनियम | what is section 14 of contract act | dhara 14 samvida adhiniyam

धारा 14. “स्वतंत्र सम्मति” की परिभाषा.- सम्मत्ति स्वतन्त्र तब कही जाती है जब कि वह— (1) न तो धारा 15 में यथापरिभाषित प्रपीड़न द्वारा कारित हो; (2) न धारा 16 में यथापरिभाषित असम्यक् असर द्वारा कारित हो; (3) न धारा 17 में यथापरिभाषित कपट द्वारा कारित हो; (4) न धारा 18 में यथापरिभाषित दुर्व्यपदेशन द्वारा कारित हो; (5) न भूल द्वारा कारित हो, किन्तु यह बात धाराओं 20, 21 और 22 के उपबंधों के अध्यधीन है । सम्मति ऐसे कारित तब कही जाती है जब कि वह ऐसा प्रपीड़न, असम्यक् असर, कपट, दुर्व्यपदेशन या भूल न होती तो न दी जाती ।

व्याख्या (explanation)

संविदा अधिनियम की धारा 14 यह प्रावधान करती है कि संविदा करने के लिए स्वतंत्र सहमति का होना अनिवार्य होता है । यदि सहमति धारा 14 के अनुसार नहीं है तब वह स्वतंत्र नहीं कही जा सकती है अर्थात यदि किसी व्यक्ति की सहमति प्रपीडन, अस्मयक असर, कपट, दुर्व्यपदेशन या भूल के अधीन प्राप्त की गई है, तो वह सहमति स्वतंत्र नहीं कही जाती है ।

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Q.संविदा अधिनियम मे स्वतंत्र सम्मति को किस धारा मे परिभाषित किया गया है ?

A.धारा 14

Q. स्वतंत्र सहमति कब नहीं होती है?

A. जब प्रपीडन, अस्मयक असर , कपट, दुर्व्यपदेशन या भूल के अधीन प्राप्त नहीं की गई है।

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