समन क्या होता है किस प्रकार से तामील कराया जाता है?
What is summon and how to made service of summon
आप एक आम नागरिक है या लॉ फील्ड से है, तो आपने समन शब्द सुना ही होगा। आज के इस लेख में अपराधिक कार्यवाहियों में जारी होने वाले समन क्या होता है और कितने प्रकार का होता है ।इसे जानेंगे ।
समन summon
समन न्यायालय द्वारा जारी की गई एक आदेशिका होती जिसके संबंध में दंड प्रक्रिया सहिंता 1973 की धारा 61से 69 तक किया गया है।
समन क्या होता है :
समन न्यायालय द्वारा जारी किया गया एक आदेश होता है जो उसमें विनिर्दिष्ट वयक्ति की हाजरी या विनिर्दिष्ट स्थान व समय पर कोई चीज या दस्तावेज पेश करने की अपेक्षा की जाती है।
समन का प्रारूप कैसा होता है ?(format of summon)
समन लिखत रूप में, दो प्रतियों में होता है जो न्यायालय के पीठासीन अधिकारी द्वारा या उच्च न्यायालय द्वारा निर्दिष्ट अन्य व्यक्ति द्वारा हस्ताक्षरित होता है एवं उस पर न्यायालय की मुद्रा (seal) लगी होती है।
समन कैसे तामील होता हैं? (Service of summon)
समन की तामील पुलिस अधिकारी या समन जारी करने वाले न्यायालय के अधिकारी या लोक सेवक द्वारा निम्नलिखित रीति से तामील किया जा सकेगा –
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व्यक्तिगत तामील:- समन किये गए व्यक्ति को समन कि दो प्रतियों में से एक को उसे देकर औऱ दूसरी प्रति पर उसके पिछले भाग पर उसके रसीद हस्ताक्षर लेकर व्यक्तिक रूप से तामील की जा सकेगी ।(धारा62)
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निगमित तामील:- जब समन किसी निगम पर तामील किया जाना हो तब उस निगम के सचिव ,स्थनीय प्रबंधक ,या अन्य प्रधिकारी पर तमिल की जा सकेगी साथ ही उस भारत मे निगम के मुख्य अधिकारी के पते पर रजिस्ट्रीकृत डाक द्वारा की जा सकेगी। तो इसे निगमित तामील कहते है।(धारा63)
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विकसित या विस्तृत तामील:- विकसित तामील तब की जाती है जब समानित व्यक्ति उचित सतर्कता बरतने पर नही मिलता है तो तामील उसके साथ रहने वाले उसके परिवार के वयस्क पुरुष सदस्य पर की जाती है।धारा (64)
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चस्पा या प्रतिस्थापित तामील:- जब ऊपर वर्णित तामील के विनिर्दिष्ट प्रकारों से तामील नही की जा सकती है तब समन की एक प्रति को समनित व्यक्ति के घर के सहज द्रश्य भाग पर लागई जयगी इस प्रकार से तामील चस्पा तामील कहलाती है।(धारा65)
समन तामील उपरोक्त प्रकार से ही की जाती है।
सरकारी सेवक पर समन की तामील कैसे होगी?
यदि समनित व्यक्ति सरकारी सेवक हो तब तामील के लिये समन उसके कार्यालय के प्रधान को भेज जाता है और ऐसा प्रधान
उस पर व्यक्तिगत रूप से समन की तामील करता है।
न्यायालय की अधिकारिता के बाहर समन की तामील
जब कभी न्यायालय की अपनी अधिकारिता के बाहर समन की तामील करानी होती है तो वह समन को दो प्रतियों में अधिकारिता रखने वाले मजिस्ट्रेट को भेजता है,।
कब माना जयेगा समन की तामील सम्यक रूप से हो गई है?
जब समन की तामील कराने वाला व्यक्ति शपथपत्र देता है कि समन की तामील हो गयी है और उसके साथ समन की दूसरी प्रति न्यायालय के समक्ष पेश करता है तब न्यायालय यह मानता है कि समन की तामील हो गयी इसके लिए ये पर्याप्त सबूत है।
संभावित प्रश्न संबंध क्या है तथा समन की तामील कितने प्रकार से की जा सकती है एवं न्यायालय के अधिकारिता के वाहन समन की तामील कैसे की जाती है उचित प्रावधानों की सहायता से समझाइए