शुक्रवार, मई 2, 2025
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महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम, 2013 : धारा 29 – समुचित सरकार की नियम बनाने की शक्ति

धारा 29 का मूल पाठ :

29.समुचित सरकार की नियम बनाने की शक्ति-(1) केन्द्रीय सरकार इस अधिनियम के उपबंधों को कार्यान्वित करने के लिए नियम, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, बना सकेगी।

(2) विशिष्टतया और पूर्वगामी शक्ति की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, ऐसे नियम निम्नलिखित सभी या किन्हीं विषयों के संबंध में उपबंध कर सकेंगे, अर्थात् :-

(क) धारा 4 की उपधारा (4) के अधीन सदस्यों को संदत्त की जाने वाली फीसें या भत्ते;

(ख) धारा 7 की उपधारा (1) के खंड (ग) के अधीन सदस्यों का नामनिर्देशन;

(ग) धारा 7 की उपधारा (4) के अधीन अध्यक्ष और सदस्यों को संदत्त की जाने वाली फीसें या भत्ते;

(घ) ऐसा व्यक्ति, जो धारा 9 की उपधारा (2) के अधीन परिवाद कर सकेगा;

(ङ) धारा 11 की उपधारा (1) के अधीन जांच की रीति;

(च) धारा 11 की उपधारा (2) के खंड (ग) के अधीन जांच करने की शक्तियां;

(छ) धारा 12 की उपधारा (1) के खंड (ग) के अधीन सिफारिश की जाने वाली राहत;

(ज) धारा 13 की उपधारा (3) के खंड (i) के अधीन की जाने वाली कार्रवाई की रीति;

(झ) धारा 14 की उपधारा (1) और उपधारा (2) के अधीन की जाने वाली कार्रवाई की रीति;

(ञ) धारा 17 के अधीन की जाने वाली कार्रवाई करने की रीति;

(ट) धारा 18 की उपधारा (1) के अधीन अपील की रीति;

(ठ) धारा 19 के खंड (ग) के अधीन कर्मचारियों को सुग्राही बनाने के लिए कार्यशालाएं, जानकारी कार्यक्रम और आंतरिक समिति के सदस्यों के लिए अभिविन्यास कार्यक्रम आयोजित करने की रीति; और

(ड) धारा 21 की उपधारा (1) के अधीन आंतरिक समिति और स्थानीय समिति द्वारा वार्षिक रिपोर्ट तैयार करने के लिए प्ररूप और समय।

(3) इस अधिनियम के अधीन केन्द्रीय सरकार द्वारा बनाया गया प्रत्येक नियम, बनाए जाने के पश्चात् यथाशीघ्र, संसद् के प्रत्येक सदन के समक्ष, जब वह सत्र में हो, कुल तीस दिन की अवधि के लिए रखा जाएगा। यह अवधि एक सत्र में अथवा दो या अधिक आनुक्रमिक सत्रों में पूरी हो सकेगी। यदि उस सत्र के या पूर्वोक्त आनुक्रमिक सत्रों के ठीक बाद के सत्र के अवसान के पूर्व दोनों सदन उस नियम में कोई परिवर्तन करने के लिए सहमत हो जाएं तो तत्पश्चात् वह ऐसे परिवर्तित रूप में ही प्रभावी होगा। यदि उक्त अवसान के पूर्व दोनों सदन सहमत हो जाएं कि वह नियम नहीं बनाया जाना चाहिए तो तत्पश्चात् वह नियम निष्प्रभाव हो जाएगा। किंतु नियम के इस प्रकार परिवर्तित या निष्प्रभाव होने से उसके अधीन पहले की गई किसी बात की विधिमान्यता पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।

(4) किसी राज्य सरकार द्वारा धारा 8 की उपधारा (4) के अधीन बनाया गया कोई नियम बनाए जाने के पश्चात् यथाशीघ्र, जहां राज्य विधान-मंडल के दो सदन हैं, वहां प्रत्येक सदन के समक्ष या जहां ऐसे विधान-मंडल का एक सदन है, वहां उस सदन के समक्ष रखा जाएगा।

धारा 29 की व्याख्या :

महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम, 2013 की अन्य धाराएं :

धारा 1धारा 2धारा 3
धारा 4धारा 5धारा 6
धारा 7धारा 8धारा 9
धारा 10धारा 11धारा 12
धारा 13धारा 14धारा 15
धारा 16धारा 17धारा 18
धारा 19धारा 20धारा 21
धारा 22धारा 23धारा 24
धारा 25धारा 26धारा 27
धारा 28धारा 29धारा 30
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