सोमवार, मार्च 10, 2025
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difference between governor and lieutenant governor and administrator  in hindi | गवर्नर ,लेफ्टिनेंट गवर्नर तथा प्रशासक में अंतर

difference between governor and lieutenant governor and administrator  in hindi | गवर्नर ,लेफ्टिनेंट गवर्नर तथा प्रशासक में अंतर

हेलो दोस्तो स्वागत है आप सबका एक बार फिर से हम बात करने वाले हैं, गवर्नर एडमिनिस्ट्रेटर एवं लेफ्टिनेंट गवर्नर के बारे में.हम सब इनसे परिचित तो है फिर भी इन में बड़ा कंफ्यूजन होता है, और यह mains एवं इंटरव्यू का विषय भी बनता है तो आज के इस लेख में हम इसी पर चर्चा करने वाले हैं।

भारत अर्थात इंडिया राज्यों का एक संघ है, यानी भारत, राज्य  एवम संघ राज्य क्षेत्रों से मिलकर बनता है। भारत में संघात्मक संविधान को अपनाया गया है जिसकी प्रमुख विशेषता होती है केंद्र व राज्यों के बीच शक्तियों का विभाजन , दोनों ही अपने अपने क्षेत्रों में स्वतंत्र रूप से कार्य करते हैं।

राज्यपाल /गवर्नर कौन होता ?

केंद्रीय प्रशासन ने राष्ट्रपति संघ की कार्यपालिका शक्ति का प्रमुख होता है तथा वास्तविक शक्ति मंत्रीपरिषद यानी कि मंत्रिमंडल में निहित होती है। ठीक इसी प्रकार से राज्यों में राज्य की कार्यपालिका शक्ति का प्रमुख राज्यपाल होता है तथा वास्तविक शक्ति मंत्री परिषद यानी कि राज्य के मंत्रिमंडल में निहित होती है।राज्यपाल का पद संवैधानिक पद होता है संविधान में राज्यपाल के संबंध में उपबंध 153 से लेकर 162तक में किए गए है।

” अनुच्छेद 153 – प्रत्येक राज्य के लिए एक राज्यपाल होगा: परंतु इस अनुच्छेद की कोई भी बात एक ही व्यक्ति को दो या अधिक राज्यों के लिए राज्यपाल नियुक्त किए जाने से निवारक नहीं करेगी।”

इस अनुच्छेद के अनुसार प्रत्येक राज्य के लिए एक राज्यपाल होगा। इस  अनुच्छेद का परंतुक जो संविधान के सातवे संशोधन से, 1956 में जोड़ा गया था, जिसके अनुसार एक राज्य का राज्यपाल कई राज्यों का राज्यपाल हो सकता है। जैसे:- 1956 में पहली बार असम के राज्यपाल को, मेघालय, मणिपुर, नागालैंड, व निपुरा राज्यों का राज्यपाल बनाएगा। तथा कुछ दिन पूर्व आनंदीबेन पटेल मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश दोनों राज्यों की राज्यपाल थी ।

अनुच्छेद 155 के के अनुसार- राज्यपाल की नियुक्ति राष्ट्रपति अपने हस्ताक्षर और मुद्रा सहित परिपत्र के द्वारा करता है, इस प्रकार राज्यों में राज्य का प्रमुख राज्यपाल होता है, किसी भी राज्य का पहला व्यक्ति भी राज्यपाल ही होता है।राज्यपाल एक संवैधानिक पद होता है, जो 5 वर्ष के लिए नियुक्त किया जाता है तथा यह राष्ट्रपति के प्रसादपर्यत होता है यानी कि राष्ट्रपति जब चाहे तब राज्यपाल को पद से हटा सकता है।

अभी तक हमने केंद्र सरकार व राज्य सरकारों में कार्यपालिका प्रमुख को देखा अब हम बात करते है संघ राज्य क्षेत्रों अर्थात केंद्रशासित प्रदेशों की सबसे पहले संघ राज्य क्षेत्र के अर्थ को समझ लेते हैं।

प्रशासक व उपराज्यपाल कौन होता है ?

संघ राज्य क्षेत्रों से तात्पर्य उन क्षेत्रों से है, जिन पर केंद्र सरकार का प्राधिकार होता है अर्थात वे क्षेत्र जो केंद्र सरकार के कार्यपालिका प्रमुख के प्रशासन के अधीन होते हैं।हमारे यहां 8 संघ राज्य क्षेत्र हैं, जिनमें प्रशासन के संबंध में प्रावधान भाग 8 में अनुच्छेद 239 से लेकर 241 में किया गया है।

अनुच्छेद 239-(1) संसद के दवारा बनाई गई विधि द्वारा यथा अन्यथा उपबंधित के सिवाय प्रत्येक संघ राज्य क्षेत्र का प्रशासन राष्ट्रपति द्वारा किया जाएगा, और वह अपने द्वारा ऐसे पदाभिमान सहित, जो वह विनिर्दिष्ट करें, नियुक्त किए गए प्रशासक के माध्यम से उस मात्र तक कार्य करेगा जितनी वह ठीक समझता है।

(2) भाग 6 में किसी बात के होते हुए भी, राष्ट्रपति किसी राज्य के राज्यपाल को किसी निकटगती संघ राज्यक्षेत्र प्राशासक नियुक्त कर सकेगा और जहां कोई राज्यपाल इस प्रकार नियुक्त किया जाता है.वहां वह ऐसे प्रशासक के रूप में अपने कृत्यों का प्रयोग अपनी मंत्रिपरिषद से स्वतंत्र रूप से करेगा।

इस अनुच्छेद के अनुसार संघ राज्यक्षेत्रों का प्रशासन राष्ट्रपति द्वारा किया जाएगा और यह उसके द्वारा ऐसे पदनाम से जो कि वह विनिर्दिष्ट करे, नियुक्त किए गए प्रशासक के माध्यम से करेगा। किसी राज्यका राज्यपाल भी यूनियन टेरिटरी का प्रशासक बनाया जा सकता है।

इस प्रकार से संघ राज्यक्षेत्र यानी, (union territory) में राष्ट्रपति अपने द्वारा नियुक्त किए गए प्रशासक के माध्यम से कार्य करता है। कई संघ राज्य क्षेत्रों में प्रशासक का पदाभिमान यानि(designation) प्रशासक अर्थात Administrator होता है और जबकि कई संघक्षेत्रों में प्रशासक का पदनाम उपराज्यपाल यानि (lieutenant governor) के नाम से जाना जाता है।

यह सामान्यतः भारतीय प्रशासनिक या पुलिस सेवा के अधिकारी होते हैं, जिन्हें राष्ट्रपति प्रशासक या उपराज्यपाल तौर पर नियुक्त करता है। ये 5 वर्ष के लिए पद धारण करते है तथा राष्ट्रपति के प्रसादपर्यत अपने पद पर बने रहते हैं। राष्ट्रपति चाहे तो उन्हें 5 वर्ष से पूर्व भी हटा ।

वर्तमान में 8 संघ राज्यक्षेत्रों में से 5 संघ राज्य क्षेत्र अंडमान निकोबार दीप समूह, दिल्ली एनसीटी, जम्मू एवं कश्मीर, पुडुचेरी एवं लद्दाख उपराज्यपाल है तथा अन्य तीन संघ राज्य क्षेत्र चंडीगढ, दमनएं एवं समूह और दादर नगर हवेली व लक्ष्यदवीप में प्रशासक प्रशासन करते हैं।

सामान्यत: उन संघ राज्यक्षेत्रों में उपराज्यपाल होते हैं जिनमें विधानसभा का प्रावधान होता है, लेकिन कुछ ऐसे संघ राज्यक्षेत्र भी है, जहां पर विधानसभा ना होते हुए भी उपराज्यपाल होते हैं।

जैसे अंडमान निकोबार दीप समूह एवं लद्दाख।

दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र के संबंध में नियुक्त प्रशासक का पद अभिमान उपराज्यपाल होगा ऐसा उपबंधअनुष्छेद 239AA (1) में किया गया है, जबकि अन्य क्षेत्रों में प्रशासक का पद अभिमान उपराज्यपाल होगा यह अनुछेद 3 व 239 के परिपेक्ष में निर्मित विधि के उपबंध पर निर्भर करता है।

उम्मीद है आपको गवर्नर प्रशासक व उपराज्यपाल से संबंधित जानकारी पसंद आई होगी। आपको यह जानकारी कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएं एवं अपने दोस्तों के साथ शेयर करें ।

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