सोमवार, मई 12, 2025
होमjudgmentsमूल डिवाइस के पेश करने पर साक्ष्य अधिनियम की धारा 65B के...

मूल डिवाइस के पेश करने पर साक्ष्य अधिनियम की धारा 65B के अधीन प्रमाण पत्र पेश करने की आवश्यकता नहीं है। कर्नाटक राज्य बनाम टी. नसीर @ नासिर व अन्य (6 November 2023)

मूल डिवाइस के पेश करने पर साक्ष्य अधिनियम की धारा 65B के अधीन प्रमाण पत्र पेश करने की आवश्यकता नहीं है ।

सर्वोच्च न्यायालय ने हाल ही में 2008 में बैंगलोर में सिलसिलेवार बम धमाकों से संबंधित एक दांडिक अपील पर फैसला निर्णय है। यह अपील कर्नाटक राज्य द्वारा प्रत्यर्थीयों के खिलाफ दायर की गई थी, जो धमाकों की योजना बनाने तथा उसे क्रियान्वित करने के अभियुक्त हैं, जिसमें एक महिला की मौत तथा कई अन्य घायल हो गए थे।

अपील में मुख्य वाद बिंदु यह था कि क्या अभियोजन पक्ष अभियुक्त से जब्त किए गए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की अंतर्वस्तु को साबित करने के लिए साक्ष्य अधिनियम की धारा 65-बी के अंतर्गत एक प्रमाण पत्र पेश कर सकता है, जिसमें धमाकों के बारे में आपत्तिजनक जानकारी शामिल है?

सर्वोच्च न्यायालय ने अपील को अनुमति दी तथा विचारण न्यायालय व उच्च नयायालय के आदेशों को अपास्त कर दिया, जिन्होंने साक्ष्य अधिनियम की धारा 65-बी के अधीन प्रमाण पत्र पेश करने के अभियोजन पक्ष के आवेदन को नामंजूर कर दिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने माना कि यदि मूल इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को प्राथमिक साक्ष्य के रूप में पेश किया जाता है, तो साक्ष्य अधिनियम की धारा 65-बी के अधीन प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है, लेकिन यदि विचारण पूर्ण नहीं हुआ है, तो लोक हित तथा न्याय के उद्देश्य की पूर्ति के लिए, यह विचारण के किसी भी प्रक्रम में द्वितीयक साक्ष्य के रूप में पेश किया जा सकता है।

सुप्रीम कोर्ट ने अनुसरित किया कि अभियोजन पक्ष ने प्रमाण पत्र पेश करके साक्ष्य में कोई नही कमी नहीं की है, क्योंकि मूल उपकरण पहले से ही अभलेख में थे, और यह कि प्रमाण पत्र की अनुमति देने से अभियुक्त को किसी भी अपरिवर्तनीय पूर्वाग्रह का सामना नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि उसके पास साक्ष्य का खंडन करने का पूर्ण अवसर होगा।।

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि विचारण समाप्त नहीं हुआ है, तो साक्ष्य अधिनियम की धारा 65-बी के अधीन प्रमाण पत्र किसी भी स्तर पर प्रस्तुत किया जा सकता है, तथा पश्चातवर्ती प्रक्रम में दांडिक विचारण में न्यायालय द्वारा साक्ष्य दाखिल करने की अनुमति देने की शक्ति के प्रयोग में , अभियुक्त के प्रति गंभीर या अपरिवर्तनीय पूर्वाग्रह नहीं होना चाहिए। 

केस टाइटल : कर्नाटक राज्य बनाम टी. नसीर @ नासिर व अन्य (6 November 2023)
Related articles

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Most popular

Latest

Subscribe

© All rights reserved