धारा 3 संविदा अधिनियम | dhara 3 samvida adhiniyam

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धारा 3. प्रस्थापनाओं की संसूचना, प्रतिग्रहण और प्रतिसंहरण |धारा 3 संविदा अधिनियम | dhara 3 samvida adhiniyam 

अध्याय 1 – प्रस्थापनाओं की संसूचना, प्रतिग्रहण और प्रतिसंहरण के विषय में

धारा 3. प्रस्थापनाओं की संसूचना, प्रतिग्रहण और प्रतिसंहरण. – प्रस्थापनाओं की संसूचना, प्रस्थापनाओं का प्रतिग्रहण और स्थापनाओं तथा प्रतिग्रहणों का प्रतिसंहरण क्रमशः प्रस्थापना करने वाले, प्रतिग्रहण करने वाले या प्रतिसंहरण करने वाले पक्षकार के किसी ऐसे कार्य या लोप से हुआ समझा जाता है, जिसके द्वारा वह ऐसी प्रस्थापना, प्रतिग्रहण या प्रतिसंहरण को संसूचित करने का आशय रखता हो, या जो उसे संसूचित करने का प्रयास रखता हो ।

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