भाग 1: तथ्यों की सुसंगति
अध्याय 1: प्रारम्भिक
धारा 1. संक्षिप्त नाम, विस्तार और प्रारम्भ.- यह अधिनियम भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 कहा जा सकेगा। इसका विस्तार सम्पूर्ण भारत पर है और यह किसी न्यायालय में या के समक्ष की जिसके अन्तर्गत [आर्मी ऐक्ट (44 तथा 45 विक्टो. अ० 58), नेवल डिसिप्लिन ऐक्ट (29 तथा 30 विक्टो 109) या इण्डियन नेवी (डिसिप्लिन) ऐक्ट, 1934 (1934 का 34)] या एअर फोर्स ऐक्ट (7 जा० 5, [अ०] 51 ) ] के अधीन संयोजित सेना न्यायालयों से भिन्न सेना न्यायालय आते हैं, समस्त न्यायिक कार्यवाहियों को लागू है, किन्तु न तो किसी न्यायालय या आफिसर के समक्ष पेश किए शपथ-पत्रों को और न किसी मध्यस्थ के समक्ष की कार्यवाहियों को लागू है; और यह 1872 के सितम्बर के प्रथम दिन को प्रवृत्त होगा ।
धारा 2. अधिनियमितियों का निरसन- निरसन अधिनियम, 1938 (1938 का 1) की धारा 2 और अनुसूची द्वारा निरसित ।