धारा 1 भारतीय संविदा अधिनियम 1872

 धारा 1 भारतीय संविदा अधिनियम 1872

 

प्रारम्भिक

धारा 1. संक्षिप्त नाम- यह अधिनियम भारतीय संविदा अधिनियम 1872 कहा जा सकेगा।
विस्तार, प्रारंभ. इसका विस्तार […..][1] संपूर्ण भारत पर है; और यह 1872 के सितम्बर के प्रथम दिन को प्रवृत्त होगा।
व्यावृत्ति.–[2]  इसमें अंतर्विष्ट, कोई भी बात, एतद्द्वारा अभिव्यक्त रूप से निरसित न किए गए किसी स्टेट्यूट, व अधिनियम या विनियम के उपबंधों पर, व्यापार की किसी प्रथा या रुढ़ि पर अथवा किसी संविदा की किसी प्रसंगति पर, जो इस अधिनियम के उपबंधों से असंगत न हो, प्रभाव न डालेगी।


[1] जम्मू-कश्मीर पुर्नगठन अधिनियम 2019 (क्र.34 वर्ष 2019) , धारा 95 और पांचवीं अनुसूची द्वारा “जम्मू और कश्मीर राज्य के सिवाय” शब्दों का लोप किया (31-10-2019 से प्रभावी)

[2] शब्द “यहां अनुसूची में उल्लिखित अधिनियमितियों को उसके तीसरे कॉलम में निर्दिष्ट सीमा तक निरस्त कर दिया गया है, लेकिन” 1914 के अधिनियम क्र. 10 की , धारा 3 और अनुसूची II द्वारा निरसित।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here